अदृश्य प्रेम पत्र

कभी पढ़ लेते मेरी ऑंख,
तो पढ़ पाते मेरा वो अदृश्य प्रेम पत्र...
जो तुम्हारे लिए मेरी ऑंखों से लिखा गया था ।
कभी समझ पाते मेरे दिल के एहसास,
तो ले पाते महेक मेरे अदृश्य प्रेम पत्र के जज्बातों की...
जो दिल के उद्यान में सिर्फ तुम्हारे लिए खिलते थे ।
कभी देखते मेरी और प्यार से,
तो समझ पाते मेरा वह अदृश्य प्रेम पत्र का प्यार...
जो सिर्फ तुम्हारे लिए था ।
कभी मेरे बारे में दिन रात सोचते,
तो समझ पाते कि...
यह अदृश्य प्रेम पत्र का
जिक्र,
सिर्फ तुम्हारे लिए था, है और रहेगा...!!!

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