'नहीं आता'
तुमसे मिलना भी तो नहीं आता
और तुम्हे बुलाना भी तो नहीं आता
दिन रात खोई रहती हूँ यादों में तुम्हारी
सपनो से तुम्हे भूलाना भी तो नहीं आता
जिस मुहोब्बत के ख्वाबों ने बनाया है मुझे शायर
गीत बनाकर उसे गुनगुनाना भी तो नहीं आता
तस्वीर से तुम्हारी करती हूँ प्यार की बातें ,
अपना प्यार तुम तक पहुँचाना भी तो नहीं आता
मै चाहूँ तो तुमसे दिल की बात भी कहलवा लूँ
पर अपना हक़ तुम पर जताना भी तो नहीं आता
जिस दास्ताँ को सुनती रही है ''बीना '' अब तक
उस दास्ताँ को हकीकत बनाना भी तो नहीं आता !!!
और तुम्हे बुलाना भी तो नहीं आता
दिन रात खोई रहती हूँ यादों में तुम्हारी
सपनो से तुम्हे भूलाना भी तो नहीं आता
जिस मुहोब्बत के ख्वाबों ने बनाया है मुझे शायर
गीत बनाकर उसे गुनगुनाना भी तो नहीं आता
तस्वीर से तुम्हारी करती हूँ प्यार की बातें ,
अपना प्यार तुम तक पहुँचाना भी तो नहीं आता
मै चाहूँ तो तुमसे दिल की बात भी कहलवा लूँ
पर अपना हक़ तुम पर जताना भी तो नहीं आता
जिस दास्ताँ को सुनती रही है ''बीना '' अब तक
उस दास्ताँ को हकीकत बनाना भी तो नहीं आता !!!
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