दिलने मान लिया है या तो सबने मुझसे ये मनवा लिया है कि तुम हो ! यहीं कहीं-----! इसीलिए तो ये दीवाना दिल तुम्हे कोई आशिक़ के रूप में ढूँढ रहा है कि कभी तो धीरे धीरे से तुम मेरी ज़िन्दगीमें आओगे ,दिल को चुराकर मनमें समाओगे !तब बहारों से मै कहूँगी कि बहारों फूल बरसाओ,मेरा महबूब आया है। जब तुम मुझे पहलीबार मिलोगे तो मै यही गाऊँगी कि कौन हो तुम जो दिल में समाए जाते हो ,अभी से तो ये धड़कन मेरे दिलकी तुमसे ये कहती है ---!कि तुम क्या मिले जानेजाँ , प्यार ज़िन्दगी से हो गया ! फिलहाल तो लाखो है निगाहोंमें ,ज़िन्दगी की राहोंमें -----पर फिर भी किसी हसींन यार की तलाश है। क्या तुम ये नहीं मानते हो ?'सांसो की जरुरत है जैसे जिंदगी के लिए ! सागर किनारे मेरा दिल यही गा रहा है कि ''तू जो नहीं तो मेरा कोई नहीं है !'' ओ मेरे सपनों के सौदागर दिल तो तुम्हे देखने के पहले ही दे चुकी हूँ अब अगर जान भी माँगोगे तो दे दूँगी...
ज़िन्दगी के हर मोड़ पर साथ हैं हम तुम्हारे। दुःख में ,सुख में या परेशानियों में आवाज़ देना हमें रहेंगे एकदूजे के सहारे। मुश्किलें तो आती जाती रहती हैं सीखा जाती है संभलना हमें जीवन के नुकीले रास्तों को फूलों से सजाना हमें ! क्या चाहती हो तुम कुछ सीखना ? अनुभव के सहारे जीवन बीताना ? तो मत घबराओ तक्लीफोंसे अपनालो जीवन को सहजतासे जीवन की हर डगर पर साथ हैं हम तुम्हारे अगर कभी जरुरत पड़ी तो सुनके आएँगे हमेशा सदाएँ तुम्हारी !
तुमसे मिलना भी तो नहीं आता और तुम्हे बुलाना भी तो नहीं आता दिन रात खोई रहती हूँ यादों में तुम्हारी सपनो से तुम्हे भूलाना भी तो नहीं आता जिस मुहोब्बत के ख्वाबों ने बनाया है मुझे शायर गीत बनाकर उसे गुनगुनाना भी तो नहीं आता तस्वीर से तुम्हारी करती हूँ प्यार की बातें , अपना प्यार तुम तक पहुँचाना भी तो नहीं आता मै चाहूँ तो तुमसे दिल की बात भी कहलवा लूँ पर अपना हक़ तुम पर जताना भी तो नहीं आता जिस दास्ताँ को सुनती रही है ''बीना '' अब तक उस दास्ताँ को हकीकत बनाना भी तो नहीं आता !!!
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