चालाक पत्नी
हर बार जब पति चालाकी करें तो पत्नी ही क्यों चुपचाप सहे,
सोच लिया आज तो उसने सीखाऊंगी सबक बिना कुछ कहे...!
देदी कामवाली को छुट्टी...
खुद भी चली मनाने किटी पार्टी,
घर में पड़ा था कामों का ढेर...
पतिदेव सोए रहे बड़ी देर ।
उठकर जब देखा तो फर्श थी बड़ी गीली,
फिसलते फिसलते बचे वो मुश्किल थी वह घड़ी ।
नल रह गया था खुला पानी था चारो और बिखरा,
बहुत सोचने पर समझ में आया उन्हें माजरा ।
मेरे बुरे व्यवहार का जवाब है ये,
बिना कुछ कहे मचाया बवाल है ये...!
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