कोहिनूर

तेरे चेहरे का नूर जैसे एक कोहिनूर,
चमकार से उसकी चमका मेरे जीवन का नूर ।

घने अंधेरों से मुझे बाहर निकालता,
प्रकाश की किरणों सी उर्जा जगाता ।
हर वक्त रहने लगी मैं खुशियों में चूर,
तेरे चेहरे का नूर जैसे एक कोहिनूर....!

हर गम के साए से मुझे बाहर निकालता,
विश्वास की डोर थामे रास्ता दिखलाता ।
अड़चनें जीवन की सारी हो गई दूर,
तेरे चेहरे का नूर जैसे एक कोहिनूर ...!!!

Comments

Popular posts from this blog

'नारी तेरे रूप अनेक ''

ऑंसु

क्या जीवन का कोई उद्देश्य है ???