गाय और मुर्गी
यह कहानी है एक गाॅंव की,
जहां बसती थी एक गाय और एक मुर्गी ।
सुबह सवेरे सुनकर मुर्गी की पुकार..
होती थी गांव के लोगों के दिन की शुरुआत ।
तो वही किसी शांत इलाके में कभी कबार कूड़े कचरे के पास,
नजर आ जाती थी भूखी गाय ।
करें तो क्या करें जब नहीं थी कोई और सहाय,
अपनी भूख मिटाने का यही एक था उपाय ।
यह गाय और मुर्गी दोनों बहुत खास थे वहां,
क्योंकि एक सबको नींद से जगाती थी और दूसरी उनकी सेहत बनाती थी ।
पर फिर भी उन दोनों की चिंता छोड़ ...
गाॅंव वालों की दुनिया बस अपने तक ही सीमित रह गई थी ।
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