'तू ही तू'
जब भी तेरी याद आती है
मैं अपनी दुनिया ही भूल जाती हूँ।
जब भी तू मिलती है ,
मैं कुछ कहना ही भूल जाती हूँ।
जब भी तू नहीं आती है ,
मैं हँसना ही भूल जाती हूँ।
तू मेरी ज़िन्दगी में आई बहार बनके !
तेरे आने से पहले मेरे पास ,
सोचने के लिए कुछ न था !
और अब ---- अब !
तू ही तू छायी है।
मैं अपनी दुनिया ही भूल जाती हूँ।
जब भी तू मिलती है ,
मैं कुछ कहना ही भूल जाती हूँ।
जब भी तू नहीं आती है ,
मैं हँसना ही भूल जाती हूँ।
तू मेरी ज़िन्दगी में आई बहार बनके !
तेरे आने से पहले मेरे पास ,
सोचने के लिए कुछ न था !
और अब ---- अब !
तू ही तू छायी है।
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