'क्या यही प्यार है?'
ये दिल की लगी नहीं तो और क्या है ?
की तुम मुझे बार-बार याद आते हो।
हज़ारों सपने सजाकर चले जाते हो
मेरी दुनिया में आकर बगैर इज़ाज़त लौट जाते हो।
ये प्यार नहीं तो और क्या है ?
की तुम नहीं तो मुझे करार नहीं
जैसे मेरे दिल में धड़कन ही नहीं
तुम्हारे सिवा मनमें और कोई मूरत ही नहीं
ये मुहोब्बत नहीं तो और क्या है ?
की तुम ही तुम छाए रहते हो
मनमे मेरे समाए रहते हो।
ऐसा लगता है कि -तुम हो तो ये जहाँ है ,
वर्ना हम इस दुनिया में क्या है ?
ये प्यार का इज़हार नहीं तो और क्या है ?
कि तुम यूँ ही मुझे बुलाया करते हो ,
दिल का हाल बताया करते हो
कुछ न कहते हुआ भी सब कुछ कहते रहते हो
बोलो क्या ये प्यार नहीं है ?
की तुम मुझे बार-बार याद आते हो।
हज़ारों सपने सजाकर चले जाते हो
मेरी दुनिया में आकर बगैर इज़ाज़त लौट जाते हो।
ये प्यार नहीं तो और क्या है ?
की तुम नहीं तो मुझे करार नहीं
जैसे मेरे दिल में धड़कन ही नहीं
तुम्हारे सिवा मनमें और कोई मूरत ही नहीं
ये मुहोब्बत नहीं तो और क्या है ?
की तुम ही तुम छाए रहते हो
मनमे मेरे समाए रहते हो।
ऐसा लगता है कि -तुम हो तो ये जहाँ है ,
वर्ना हम इस दुनिया में क्या है ?
ये प्यार का इज़हार नहीं तो और क्या है ?
कि तुम यूँ ही मुझे बुलाया करते हो ,
दिल का हाल बताया करते हो
कुछ न कहते हुआ भी सब कुछ कहते रहते हो
बोलो क्या ये प्यार नहीं है ?
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