'किस्मत'
किस्मत के भरोसे
छोड़ दिया है खुद को
चाहे खुशियों की सौगात हो ,
या ग़मों की बरसात हो
अपनाना है अब मुझे नया जीवन
चाहे अँधेरी रात हो !
नई उमंगें और आशाएं साथ है मेरे !
खुदा और खुदाई पास है मेरे !
चाहती हूँ मै वो सुनहरा जीवन
चाहे वो अधूरी प्यास हो !
कुछ न कुछ तो है मेरे पास
कुछ न कुछ तो आएगा मेरे हाथ
चाहती हूँ मै वो यादगार लम्हें
तुम मेरी किस्मत,मेरे साथ जो हो !!!
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