'अधूरी किताब'
चुपचाप बैठे रहने की वो घडी कहाँ खो गई ?
अपनेआपमें उलझे रहने की वो घडी कहाँ खो गई ?
दिल को जिसका था इंतज़ार
वो मुलाकातों की लड़ी कहाँ खो गई ?
पास रहती थी जो याद हरपल
उन यादों की कड़ी कहाँ खो गई ?
जिसमें आती थी खुशबु प्यारकी ,
वो बहारों की झड़ी कहाँ खो गई ?
अपनेआपमेँ 'बिना' खोया है ये जहाँ ?
फिर वो तन्हाईयों की महेफिल कहाँ खो गई ?
इस बेनाम मुहोब्बत की क्या सुनाऊँ दास्ताँ ,
वो किताब अधूरी ही न जाने कहाँ खो गई ?
अपनेआपमें उलझे रहने की वो घडी कहाँ खो गई ?
दिल को जिसका था इंतज़ार
वो मुलाकातों की लड़ी कहाँ खो गई ?
पास रहती थी जो याद हरपल
उन यादों की कड़ी कहाँ खो गई ?
जिसमें आती थी खुशबु प्यारकी ,
वो बहारों की झड़ी कहाँ खो गई ?
अपनेआपमेँ 'बिना' खोया है ये जहाँ ?
फिर वो तन्हाईयों की महेफिल कहाँ खो गई ?
इस बेनाम मुहोब्बत की क्या सुनाऊँ दास्ताँ ,
वो किताब अधूरी ही न जाने कहाँ खो गई ?
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