गुस्सा

कभी रुलाता तो कभी हॅंसाता है गुस्सा,
पर कभी बहुत कुछ सीखा जाता है ये गुस्सा ।
कमजोरियों पर काबू करना सिखाता है,
तो शब्दों को तोलमोल के बोलना सिखाता है।
 हर परिस्थिति में खुद पर काबू करके,
धैर्य से अड़चनों का सामना करना भी सिखाता है ।
अपने दो पल के अहसास का बड़ा सबक सिखाता है,
प्यारभरे रिश्तों में भी दरारें ले आता है।
सब कुछ छीन लेता है हमसे,
पलभर में तन्हाई और दर्द दे जाता है।
गुस्सा करने से सबसे ज्यादा नुकसान,
 खुद का ही होता है ।
समय  तो बीत जाता है पर,
 यादों में अपना निशान छोड़ जाता है।

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