कलम

मेरी प्यारी कलम,
             तुम हमेशा मेरे साथ रहती हो ,मुझे अपनी भावनाएं व्यक्त करने में सहायता करती हो । सच कहूं तो तुम मेरी वह चाहत हो, जो ना तो कभी मुझसे रूठती है ना ही मुझसे कभी कुछ मांगती है । आधी रात को भी मैं अगर कुछ सोच रही हूं तो एक तुम ही हो जो मुझे उसे कागज पर उतारने में सहायता करती हो । तुम मेरे हर सुखदुख, दर्द, परेशानी, सभी की गवाह हो ।जब भी मैं तनावग्रस्त होती हूं ,तब तुम्हारा साथ पाकर मैं खुद को बहुत हल्का महसूस करती हूं । तुम भी खुश तो हो ना मेरे साथ ? बस तो फिर...! यह साथ कभी ना छूटेगा, पक्का वादा ...!!! 
तुम्हारी मुरीद,
बीना

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