'' जन्मदिन''

जिसको देखकर जी न भरे वो हो तुम ,
जिसको मिलकर भी जी न भरे वो हो तुम !
    चाँद सा चमकता चहेरा 
     सुंदरता का तुम हो नजारा 
जैसी सूरत वैसी सीरत ,
कभी कठोर तो कभी ममता की मूरत !
     काम से अपने बड़ा लगाव ,
     तुम्हारी ही तरफ होता है सबका झुकाव 
सबको बनना है तुम्हारे ही जैसा ,
बताओ क्या है राज इसका ?
     जन्मदिन पर तुम्हारी क्या दूँ  दूँवा ?
     हमेशा हसती  रहो चाहे  हो तुम जहाँ  
सफलता समृद्धि और खुशियों से भरा रहे तुम्हारा  आशियाँ ,
यही है ''बीना  '' की  हमेशा से दूँवा !!!

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